जाती और धर्म पूछने वालो
एकता की क्या बात करोगे
नफरत से मिले फुरसत तुम्हे
तो प्यार की क्या बात करोगे

गर्मियों की तपती धूप में
छाव की क्या बात करोगे
आंगन में पानी मारने वालों
प्यास की तुम क्या बात करोगे

पत्तो को पानी पिलानेवालो
जड़ो की तुम क्या बात करोगे
सब्जियों में भाव करनेवालों
किसानों की क्या बात करोगे

चुनाव के नाम पर हो सेकते रोटी
नतीजों के बाद क्या काम करोगे
शहीदों का खून पीनेवालों
देश की तुम क्या बात करोगे
-ऋत्वीक