न्याय पर सबका हक़ होना चाहिए
अत्त्याचार की हर चीख को,
कोई सुननेवाला होना चाहिए,
भूख से तड़पते जिस्म को,
कोई पूछनेवाला होना चाहिए।
तोड़कर सारे बांध बेबाक सा,
आँख से आंसू निकलना चाहिए,
ज़मीं को थोड़ा हल्का करने अब,
आसमां नीचे उतरना चाहिए।
अत्त्याचार की हर चीख को,
कोई सुननेवाला होना चाहिए,
भूख से तड़पते जिस्म को,
कोई पूछनेवाला होना चाहिए।
तोड़कर सारे बांध बेबाक सा,
आँख से आंसू निकलना चाहिए,
ज़मीं को थोड़ा हल्का करने अब,
आसमां नीचे उतरना चाहिए।